मोमासर, राजस्थान के उत्तर-पश्चिम में बीकानेर के पास स्थित एक छोटा कस्बा, या यूं कहें एक बड़ा सा गांव है। यहाँ की वास्तुकला, लोग और कस्बे का जीवन आपको शेखावाटी क्षेत्र की समृद्ध विरासत से रूबरू करवाते हैं।
मोमासर जयपुर-बीकानेर राष्ट्रीय राजमार्ग से (20 कि.मी.) और दिल्ली-बीकानेर राज्य राजमार्ग से (11 कि.मी.) अंदर की ओर है।
यह खास तौर पर राष्ट्रीय राजधानी, दिल्ली और राज्य की राजधानी, जयपुर से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
विकल्प…
नई दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरें और गाड़ी से मोमासर पहुँचें
सड़क मार्ग: दिल्ली - रोहतक - भिवाड़ी - सरदारशहर - मोमासर
दूरी: 350 किमी
बीकानेर हवाई अड्डे पर उतरें और गाड़ी से मोमासर पहुँचें
सड़क मार्ग: बीकानेर - श्रीडूंगरगढ़ - मोमासर
दूरी: 110 किमी
जयपुर हवाई अड्डे पर उतरें और गाड़ी से मोमासर पहुँचें
जयपुर के लिए देश के सभी प्रमुख शहरों से रोजाना सीधी फ्लाइट्स हैं
सड़क मार्ग: जयपुर - सीकर - फ़तेहपुर - रतनगढ़ - राजलदेसर - मोमासर
दूरी: 250 किमी
दर्शनीय स्थल
मोमासर में, लोक देवता रामदेवजी का 250 साल पुराना मंदिर है, जो कि 200 एकड़ में फैला हुआ है।
गांव के ताल मैदान में 250 साल पुराना सीढ़ीनुमा-कुआं है जो कि स्थानीय वास्तुकला का अद्भुत नमूना है। इस जगह मोमासर उत्सव के मुख्य कॉन्सर्ट का आयोजन होगा।
मोमासर में, आप कई स्थानीय कलाएं जैसे कि जूते गाँठना, सोने और चाँदी के आभूषण, लकड़ी की चीजें, बर्तन बनाना, पारंपरिक रस्सी और झोंपड़ी बुनना और पेंटिंग आदि देख सकते हैं।
तोलियासर गांव
एक धार्मिक स्थान जो कि भैरोंजी के मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। यह मोमासर से 20 किमी दूर है।
सरदारशहर
एक ऐतिहासिक कस्बा जो कि अपने भित्तिचित्रों वाली हवेलियों के लिए जाना जाता है। कस्बे में कई मंदिर हैं, इनमें से प्रसिद्ध 'इच्छापुरन बालाजी मंदिर' 100 एकड़ में फैला हुआ है। एक स्थानीय परिवार 300 साल पुराने संग्रहालय का संचालन करता है। इस संग्रहालय में चंदन की लकड़ी की चीजें देखी जा सकती हैं।
खाने-पीने की चीजें - यहाँ के मंगोड़ी और पापड़ और ‘फीणी’ प्रसिद्ध हैं। यहाँ बनी लकड़ी की चीजें दुनियाभर में निर्यात की जाती हैं।
सरदारशहर मोमासर से 36 किमी दूर है।
बीकानेर
ऐतिहासिक शहर बीकानेर मोमासर से 110 किमी दूर है, जो कि अपने महलों और हवेलियों के लिए जाना जाता है। यहाँ देखने लायक जगहों में जूनागढ़ महल, लाल गढ़ महल, साथ ही कई हवेलियां, शहर का परकोटा और कई मंदिर शामिल हैं।
बीकानेर खास तौर पर दूध वाली मिठाइयों और 'बीकानेरी भुजिया' के लिए जाना जाता है। यहाँ का लकड़ी पर नक्काशी और चमड़े पर पेंटिंग का काम भी बहुत प्रसिद्ध है।