मोमासर उत्सव लोक संगीत, कला और संस्कृति का 3 दिवसीय उत्सव है। यह राजस्थान के बीकानेर ज़िले के मोमासर गाँव में आयोजित होता है। राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों के 200 से ज़्यादा कलाकार और शिल्पकार लोक परंपराओं के इस अनूठे उत्सव का हिस्सा बनते हैं और अपनी कला को प्रस्तुत करते हैं।
मोमासर राजस्थान के बीकानेर ज़िले का एक गाँव है। अपने विस्तार और जनसंख्या के लिहाज से इसे एक कस्बा कहा जा सकता है।
मोमासर करीब 700 साल पुराना एक ऐतिहासिक गाँव है।
यहाँ शेखावाटी वास्तुकला से बनी कई प्रसिद्ध हवेलियाँ, पुराने सुंदर मंदिर, कुएं और बावड़ियाँ हैं। इस जगहों के साथ ही कई आकर्षक खुले मैदानों में भी फेस्टिवल के कॉन्सर्ट और एक्ज़िबिशन्स का आयोजन होता है।
मोमासर उत्सव में मंत्रमुग्ध कर देने वाले लोक संगीत कॉन्सर्ट, फ्यूज़न म्यूज़िक कॉन्सर्ट, क्राफ्ट डेमोंस्ट्रेशन, एक्ज़िबिशन और सेल (क्राफ़्ट बाज़ार में), लेक्चर डेमोंस्ट्रेशन, क्राफ़्ट और म्यूज़िक वर्कशॉप आदि का आयोजन होता है।
कार्यक्रम गाँव के सुंदर स्थानों पर सुबह जल्दी शुरू होता है और रात तक चलता है।
उत्सव के दौरान आयोजित सभी कॉन्सर्ट और कार्यक्रम पूरी तरह फ्री हैं।
मोमासर उत्सव का आयोजन राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को लोगों तक पहुंचाने के उद्देश्य से होता है। इसके पीछे लाभ कमाने की भावना या उद्देश्य नहीं है।
मोमासर उत्सव का आयोजन जाजम फाउंडेशन (जयपुर स्थित एक गैर-लाभकारी संस्था) द्वारा किया जाता है। इस उत्सव को श्री विनोद जोशी, फाउंडेशन के सीईओ और राजस्थान की संस्कृति और परंपराओं के विशेषज्ञ द्वारा डिजाइन किया गया है (http://vinod-joshi.com) ।
उत्सव का खर्च उठाने के लिए मोमासर के प्रवासी व्यवसायी वित्तीय सहायता देते हैं और साथ ही अपनी खाली हवेलियां आयोजन स्थल के रूप में उपलब्ध करवाते हैं। मुख्य योगदानकर्ता सुरवी चैरिटेबल ट्रस्ट जयपुर, जेमिनी कॉर्पोरेशन बेल्जियम और संचेती टी कंपनी कोलकाता हैं।
डांसिंग पीकॉक, एक सांस्कृतिक कंपनी इसकी मुख्य सह-आयोजक और फेस्टिवल की मैनेजिंग पार्टनर है। लोजिस्टिक्स व उत्सव का मैनेजमेंट संभालने के साथ ही विभिन्न स्टेकहोल्डर्स से पार्टनरशिप में यह कंपनी आयोजकों का सहयोग करती है।
मर्करी, एक अग्रणी कम्यूनिकेशन डिज़ाइन कंपनी, मोमासर उत्सव के प्रचार-प्रसार की सामग्री, वेबसाइट डिज़ाइन व डिजिटल मार्केटिंग के कार्यों में निःशुल्क अपना योगदान देती है।
मोमासर के सरपंच और ग्राम पंचायत उत्सव के आयोजन में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं, स्थानीय संसाधनों को जुटाते हैं और महत्वपूर्ण निर्णय लेते हैं। मोमासर के निवासी बड़ी संख्या में स्वयंसेवक (वोलेंटियर) के रूप में आयोजन से जुड़ी जिम्मेदारियाँ संभालते हैं। उत्सव के आय और व्यय का प्रबंधन गांव के निवासियों की एक समिति द्वारा किया जाता है।
2023 में मोमासर उत्सव के 11वें संस्करण का आयोजन होगा। 2011 में शुरू हुआ यह महोत्सव 2019 तक हर साल आयोजित किया जाता था। कोविड 19 के कारण दो साल आयोजन संभव नहीं हो पाया, 2022 में इसकी फिर से शुरुआत हुई है।
फेस्टिवल के आयोजक 2 दशकों से ज़्यादा समय से राजस्थान के मधुर लोक संगीत और परम्पराओं का संरक्षण और प्रचार-प्रसार करते आ रहे हैं। फेस्टिवल के डायरेक्टर श्री विनोद जोशी ने रिसर्च, डोक्यूमेंटेशन और दुर्लभ व लुप्त होती परम्पराओं को देश-दुनिया के लोगों तक पहुंचाने में अपना जीवन समर्पित किया है।
मोमासर उत्सव की परिकल्पना संस्कृति के समृद्ध रंगमंच के रूप में की गई है। यह एकदम मौलिक, अनसुने लोक संगीत और अनदेखी परम्पराओं को एक प्लेटफॉर्म प्रदान करता है जिसका उद्देश्य कलाकारों की कला को पहचान दिलाना और साथ ही व्यवसायिक गतिविधियों के माध्यम से स्थिर आय प्रदान करना है।
उत्सव सबके लिए
मोमासर उत्सव वास्तविक रूप से एक समग्र और बाधारहित उत्सव है जो हर बैकग्राउंड (पृष्ठभूमि) और मान्यता के लोगों का स्वागत करता है - इनमें आसपास के गांवों और दूर-दराज के शहरों और देशों से लगभग 10 हज़ार लोग आते हैं।
समृद्ध और मौलिक लोक संगीत व कलाएं
यह आगंतुकों को एकदम वास्तविक, मौलिक और अनदेखी व अनोखी परम्पराओं का एक बेहतरीन अनुभव देता है। यह अपनी तरह का एकमात्र उत्सव है जिसका आयोजन ग्रामीण क्षेत्र में होता है।
अव्यवसायिक (नॉन-कमर्शियल)
सभी कॉन्सर्ट और प्रोग्राम पूरी तरह निःशुल्क हैं, किसी तरह की कोई शुल्क नहीं है।
मौलिक
उत्सव में लोक गीत कॉन्सर्ट्स और कला प्रदर्शनों का आयोजन सहज जगहों पर किया जाता है - हवेली, लोक देवता का मंदिर और गांव के जोहड़ के पास खुले मैदान में। चाहे स्टेज हो, बैठने की व्यवस्था हो या फिर साज-सज्जा, हर चीज मनभावन, आकर्षक और उत्सव की मूल भावना के अनुरूप होती है।
आत्मीयतापूर्ण अनुभव
पूरे कस्बे के गली-मोहल्ले-चौराहे इस आयोजन से गुलज़ार रहते हैं। यह उत्सव दूर मंच पर बैठे कलाकारों के लिए ताली बजाने तक ही सीमित नहीं है। यह एक ऐसा अनूठा उत्सव है जहां दर्शक कलाकारों और स्थानीय निवासियों के साथ घुलते-मिलते हैं, कला को करीब से देखते, समझते और महसूस करते हैं।
शराब व अन्य मादक पदार्थों को इस आयोजन से पूरी तरह दूर रखा जाता है।
मोमासर उत्सव में भांति-भांति के और अनेक विविधताओं वाले दर्शक आते हैं। इस उत्सव में बड़ा अनूठापन यह है कि चाहे दर्शक किसी भी उम्र का हो, किसी भी क्षेत्र का हो, या फिर किसी भी बैकग्राउंड से हो... यहाँ सभी लोक कला प्रेमी एक दूसरे के अगल-बगल में बैठकर आनंद लेते हैं और संगीत की मधुर लहरियों में झूमते हैं। यहाँ कोई छोटा-बड़ा नहीं है, यह सही मायने में ज़मीन से जुड़ा हुआ उत्सव है।
बिज़नेसमैन, प्रोफेशनल्स, स्टूडेंट्स और संगीत प्रेमी दूर दराज के शहरों और देशों से इस उत्सव के लिए पधारते हैं।
मोमासर और आसपास के गांवों व कस्बों के निवासी भी बड़ी संख्या में इस उत्सव का हिस्सा बनते हैं।
गाँव के बाज़ार में साफ़ और स्वच्छ दुकानों पर स्वादिष्ट स्थानीय स्नैक्स, मिठाइयाँ और चाट, नमकीन आदि मिलते हैं।
आगंतुकों के लिए सामान्य भोजन (नाश्ता, लंच और डिनर) और चाय आदि सामान्य पेमेंट पर डायनिंग ज़ोन में उपलब्ध हैं जिन्हें कि कलाकारों, आयोजक टीम और वोलेंटियर्स के लिए तैयार किया जाता है।
ब्रेकफास्ट, लंच व डिनर के लिए स्वादिष्ट राजस्थानी भोज का आनंद अलग से पेमेंट कर के लिया जा सकता है।
अगर आप यहाँ भोजन लेने के इच्छुक हैं तो प्री-बुकिंग करवाना ज़्यादा बेहतर होगा।
मोमासर पहुँचना एकदम आसान है। मोमासर जयपुर-बीकानेर राष्ट्रीय राजमार्ग से (20 किमी) अंदर की ओर व दिल्ली-बीकानेर राज्य राजमार्ग से (11 किमी) अंदर की ओर है। यह खास तौर पर राष्ट्रीय राजधानी, नई दिल्ली और राज्य राजधानी, जयपुर से अच्छे से कनेक्टेड है।
यात्रा विकल्प
नई दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरें और टैक्सी से मोमासर पहुँचें
सड़क मार्ग: दिल्ली - रोहतक - भिवाड़ी - सरदारशहर - मोमासर
दूरी: 350 किमी
बीकानेर एयरपोर्ट पर उतरें और मोमासर के लिए टैक्सी लें
बीकानेर के लिए जयपुर और दिल्ली से रोज़ाना फ्लाइट्स उपलब्ध हैं
सड़क मार्ग: बीकानेर - श्री डूंगरगढ़ - मोमासर
दूरी: 110 किमी
जयपुर एयरपोर्ट पर उतरें और मोमासर के लिए टैक्सी लें
जयपुर के लिए देश के सभी प्रमुख शहरों से रोज़ाना फ्लाइट्स उपलब्ध हैं
सड़क मार्ग: बीकानेर - सीकर - फतेहपुर - रतनगढ़ - राजलदेसर - मोमासर
दूरी: 250 किमी
जी हाँ। मोमासर के निवासी सीधे-सरल और स्वागत-सत्कार करने वाले हैं। फेस्टिवल का माहौल ऐसा होता है जैसे एक बड़ा परिवार या मित्र साथ मिलकर मना रहे हों।
मोमासर उत्सव में बड़ी संख्या में परिवार, बच्चे, अकेली लड़कियां और महिलाएं आती हैं।
जी हाँ। हिन्दी और शेखावाटी गाँव में सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली भाषाएँ हैं लेकिन अधिकतर निवासी ̶ और लगभग सभी आयोजक व वोलेंटियर ̶ अंग्रेजी भाषा समझते हैं। हम में से अधिकतर लोग अच्छी अंग्रेजी बोलते हैं।
फेस्टिवल डिज़ाइन टीम आम तौर पर 6 महीने पहले ही प्लानिंग शुरू कर देती है और लगभग 2 महीने पहले शेड्यूल तय कर चुकी होती हैं।
आप हमें info@momasar.org पर मेल कर सकते हैं या फिर फेसबुक या इंस्टाग्राम पर डायरेक्ट मैसेज भेज सकते हैं।
आप खुद भी आइये, अपने साथ अपने दोस्तों को भी लेकर आइये और मोमासर उत्सव का आनंद लीजिये।
हमें सोशियल मीडिया पर फॉलो कीजिये और अपने नेटवर्क में खूबसूरत स्टोरीज़ शेयर कीजिये। यदि आप पत्रकार हैं, तो फेस्टिवल के बारे में लिखें और दुनिया को बताएं।
मोमासर में, स्थानीय लोगों, कलाकारों और कला पारखी लोगों से रूबरू हों। हमारी समृद्ध संस्कृति को देखकर गौरवान्वित महसूस करें और हमारी सुंदर लोक परम्पराओं के संरक्षण व प्रचार-प्रसार में हमारी मदद करें।
क्राफ्ट बाज़ार में भरपूर शॉपिंग करें और अपने व अपने प्रियजनों के लिए प्यारे और यादगार तोहफ़े लेकर जाएँ।
मोमासर में निवास के दौरान, कृपया अपने पहनावे और आचरण से गांव के स्थानीय निवासियों की भावनाओं, विचारों और परम्पराओं का सम्मान करें।
यदि आप ‘फ्रेंड्स ऑफ मोमासर’ का हिस्सा बनना चाहते हैं तो हमें बताएं। यह एक ऐसा अनौपचारिक ग्रुप है जहां कुछ अच्छे लोग उत्सव के आयोजन में छोटे या बड़े अनेक तरीकों से हमारी मदद करते हैं।
2024: 18-19-20 अक्टूबर
2025: 10-11-12 अक्टूबर
2026: 23-24-25 अक्टूबर
नहीं, फेस्टिवल के किसी भी कॉन्सर्ट या एक्जिबिशन में शामिल होने के लिए आपको रजिस्ट्रेशन की कोई आवश्यकता नहीं है। उत्सव के सभी कार्यक्रम पूरी तरह निःशुल्क हैं।