उत्सव की शुरुआत 3 नवंबर को सुबह होगी और इसका समापन 5 नवंबर, 2023 की सुबह होगा।
ध्यान दें: विस्तृत कार्यक्रम विवरण जल्द ही अपडेट होगा। जुड़े रहें।
प्रातः 8 बजे से 9 बजे
भक्ति संगीत - म्यूज़िक कॉन्सर्ट
मीरा बाई, गोरखनाथ और कबीर के भजन - गीता पराग कबीर और साथी
स्थान — भोमिया जी मंदिर
प्रातः 11 बजे
मोमासर मेला और क्राफ़्ट बाज़ार का उद्घाटन
स्थान — श्री जयचंद लाल पटावरी की हवेली
(मोमासर मेला और क्राफ्ट बाज़ार सायं 5:30 बजे तक चलेंगे)
दोपहर 12:15 बजे
‘धुंधलाती धुनें’ प्रदर्शनी का उद्घाटन
स्थान — श्री कानीराम जी बुद्धमल जी की हवेली
(‘धुंधलाती धुनें’ प्रदर्शनी सायं 5:30 बजे तक चलेगी)
सायं 3 से 4 बजे
म्यूज़िक इन हवेली चौक
- पुंगी, बांसुरी, अलगोज़ा वादन – रामकुमार नाथ जोगी
- पुंगी पर पारंपरिक कालबेलिया गीत – शांति देवी कालबेलिया और साथी
- शेखावाटी क्षेत्र के पारंपरिक लोक गीत – बेगम बतूल और साथी
स्थान — श्री जयचंद लाल पटावरी की हवेली
रात 9 बजे
म्यूज़िक अंडर द स्टार्स
- बकरी की मशक और जोगिया सारंगी पर भक्ति गीत – नानक नाथ जोगी और साथी
- साउथ अमेरिकी कलाकार (निकोलस – कैरोलीना) व ट्रंपेट कलाकार आमिर बियानी द्वारा संगीतमय प्रस्तुति
- पारंपरिक मांगणियार गीत – भुंगर खान मांगणियार और साथी
- बॉलीवुड क्लासिक्स – अम्बा लाल और साथी
स्थान — द सैंड्स – कुनाल-कनिका फार्म
दोनों दिन चलने वाले कार्यक्रम
3 और 4 नवम्बर; प्रातः 11 बजे से सायं 5:30 बजे तक
मोमासर मेला और क्राफ्ट बाज़ार
स्थान — श्री जयचंद लाल पटावरी की हवेली
हाट बाज़ार
राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों की ग्रामीण महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी और बिक्री
मोमासर मेला
- झांझर – अंग्रेज और साथी (ढोल-बैगपाइप बैंड)
- संजीव – आशु बहुरूपिया
- राजेश भाट और साथियों द्वारा कठपुतली शो
- चित्रकार अजीत को श्रद्धांजली
- मोमासर...एक नज़र – फोटो एक्जिबिशन
- हरि शंकर बालोथिया द्वारा कैलीग्राफी
3 नवम्बर — दोपहर 12:15 से सायं 5:30 बजे तक; 4 नवम्बर — प्रातः 11 से सायं 5:30 बजे तक
धुंधलाती धुनें प्रदर्शनी
स्थान — श्री कानीराम जी बुद्धमल जी की हवेली
लोक वाद्य निर्माण
- मोहन लोहार – मोरचंग, अलगोज़ा और मुरली
- इब्राहिम खां लंगा – सारंगी, कमायचा
- रामकुमार नाथ जोगी – पुंगी और सिरकी
गोपाल कुम्हार - पारंपरिक रस्सी व पीढा बुनाई
दुर्लभ लोक संगीत
- रामकुमार नाथ जोगी और साथी – अलगोज़ा, बांसुरी, पुंगी
- धोधे खान लंगा और साथी – अलगोज़ा और मुरली
- माली देवी-जमना देवी और साथी – लोक गीत
- टूगीनाथ कालबेलिया – पुंगी और डफली
- मथुरा देवी-शांति देवी – लोक गीत
अनुराग, वंदना जोशी और इकबाल खान द्वारा पेंटिंग एक्जिबिशन
प्रातः 8 बजे से 9 बजे
भक्ति संगीत - सुमित्रा दास गोस्वामी और साथी
स्थान — द सैंड्स – द सैंड्स – कुनाल-कनिका फार्म
प्रातः 11 बजे से सायं 5:30 बजे
सायं 3 बजे से 4 बजे
म्यूज़िक इन हवेली चौक
- पतासी देवी – संतरा देवी भोपी द्वारा लोक भजन
- सारंगी वादन एवं सारंगिया लंगा समुदाय के लोक गीत – इस्माइल खां लंगा और साथी
स्थान — श्री जयचंद लाल पटावरी की हवेली
रात्रि 9 बजे से 11 बजे
मोमासर की ताल
- घूमर नृत्य – संगीता सिंघल और साथी
- चंग नृत्य – नोरंग लाल और साथी
- इटेलिअन लोक संगीत समूह गाई साबेर की राजस्थानी कलाकारों के साथ जुगलबंदी
- मंजीरा नृत्य – शिवम डांस अकेडमी
- ढोल थाली नृत्य – मांगीलाल – पवन कुमार और साथी
- डिवाइन स्ट्रिंग्स – श्री चंद्र मोहन भट्ट के निर्देशन में महिला कलाकारों द्वारा सितार वादन
- संगीतमय बीन नृत्य रामवतार सपेरा और साथी
- कथक – लोक संगीत जुगलबंदी
- लंगा–मांगणियार संगीत जुगलबंदी
स्थान — ताल मैदान, मोमासर
दोनों दिन चलने वाले कार्यक्रम
3 और 4 नवम्बर; प्रातः 11 बजे से सायं 5:30 बजे तक
मोमासर मेला और क्राफ्ट बाज़ार
स्थान — श्री जयचंद लाल पटावरी की हवेली
हाट बाज़ार
राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों की ग्रामीण महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी और बिक्री
मोमासर मेला
- झांझर – अंग्रेज और साथी (ढोल-बैगपाइप बैंड)
- संजीव – आशु बहुरूपिया
- राजेश भाट और साथियों द्वारा कठपुतली शो
- चित्रकार अजीत को श्रद्धांजली
- मोमासर...एक नज़र – फोटो एक्जिबिशन
- हरि शंकर बालोथिया द्वारा कैलीग्राफी
3 नवम्बर — दोपहर 12:15 से सायं 5:30 बजे तक; 4 नवम्बर — प्रातः 11 से सायं 5:30 बजे तक
धुंधलाती धुनें प्रदर्शनी
स्थान — श्री कानीराम जी बुद्धमल जी की हवेली
लोक वाद्य निर्माण
- मोहन लोहार – मोरचंग, अलगोज़ा और मुरली
- इब्राहिम खां लंगा – सारंगी, कमायचा
- रामकुमार नाथ जोगी – पुंगी और सिरकी
गोपाल कुम्हार - पारंपरिक रस्सी व पीढा बुनाई
दुर्लभ लोक संगीत
- रामकुमार नाथ जोगी और साथी – अलगोज़ा, बांसुरी, पुंगी
- धोधे खान लंगा और साथी – अलगोज़ा और मुरली
- माली देवी-जमना देवी और साथी – लोक गीत
- टूगीनाथ कालबेलिया – पुंगी और डफली
- मथुरा देवी-शांति देवी – लोक गीत
अनुराग, वंदना जोशी और इकबाल खान द्वारा पेंटिंग एक्जिबिशन